पालघर: बोईसर में जे एस डब्ल्यू कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन, स्थानीयों ने जलाए पोस्टर — ‘बंदरगाह रद्द करो’ के लगे नारे।

पालघर: बोईसर में जे एस डब्ल्यू कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन, स्थानीयों ने जलाए पोस्टर — ‘बंदरगाह रद्द करो’ के लगे नारे।

अखिलेश चौबे
पालघर। जिले के बोईसर एमआईडीसी स्थित जेएसडब्ल्यू कंपनी के बाहर शनिवार, 4 अक्टूबर को स्थानीय नागरिकों का भारी आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने कंपनी के मुख्य द्वार के सामने एकत्रित होकर “जिंदल मुर्दाबाद” और “बंदरगाह रद्द करो” के नारे लगाए। भीड़ ने जेएसडब्ल्यू के पोस्टर और बैनर जलाए, जिससे मौके पर तनावपूर्ण माहौल बन गया। पुलिस ने स्थिति पर नियंत्रण पाकर आंदोलनकारियों को शांत कराया और उनकी मांगें सुनने का आश्वासन दिया।
यह विरोध पालघर जिले के वधवण (Vadhavan) बंदरगाह परियोजना के बाद अब जेएसडब्ल्यू बंदरगाह को लेकर भी स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर शुरू हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी किनारपट्टी विकास के नाम पर स्थानीय पारंपरिक व्यवसाय, खेती और मछलीपालन जैसे जीविकोपार्जन के साधनों को समाप्त करने की साजिश रच रही है।
ग्रामीणों का आरोप — “हमारी जमीन और पहचान पर हो रहा कब्जा” मुरबे, नंदगांव, एलेवाडी और नवापुर के ग्रामीणों ने कहा कि बंदरगाह परियोजना से स्थानीय लोगों की जमीन, वाडी और खेत पूरी तरह प्रभावित होंगे। 
आंदोलन उपस्थित समीर मोर ने कहा, जेएसडब्ल्यू कंपनी के कारण हमारे खेत, बागान और जीवन सब कुछ खतरे में पड़ गया है। एमआईडीसी क्षेत्र में पहले से ही प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि रेडिएशन के कारण लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। हवा और पानी दोनों दूषित हो चुके हैं, जिससे हमारी आयु घटती जा रही है।”
कुंदन संखे का तीखा बयान — “पहले भूमि पुत्र, बाद में पार्टी कार्यकर्ता”
इस आंदोलन में स्थानीय नेता कुंदन संखे भी मौजूद थे। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि बंदरगाह परियोजना रद्द नहीं की गई, तो कंपनी के खिलाफ बड़े पैमाने पर घेराव किया जाएगा।
“अगर यह बंदरगाह नहीं रुका तो हम कंपनी का गेट बंद कर देंगे। यह वही कंपनी है जिसने कभी हमारे भूमि पुत्रों को रोजगार नहीं दिया। बाहरी लोगों को नौकरी दी जाती है और स्थानीयों को नजरअंदाज किया जाता है। अब वही कंपनी हमारी जमीन पर बंदरगाह बनाना चाहती है, यह हम नहीं होने देंगे।”
 “मैं सत्ताधारी पार्टी का कार्यकर्ता जरूर हूं, लेकिन पहले मैं अपने भूमि पुत्रों का हूं। जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। जरूरत पड़ी तो हम कंपनी परिसर के अंदर भी प्रवेश करेंगे।”
प्रदर्शन के चलते कुछ देर के लिए बोईसर एमआईडीसी क्षेत्र में यातायात बाधित हुआ। बोईसर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में लिया और आंदोलनकारियों को यह भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों को जनसुनवाई के दौरान प्रस्तुत किया जाएगा।

पृष्ठभूमि — क्या है जेएसडब्ल्यू बंदरगाह विवाद
जे एस डब्ल्यू समूह पालघर जिले के समुद्र तट पर एक नए बंदरगाह (Port) के निर्माण की योजना बना रहा है। यह बंदरगाह जहाजों के आवागमन, माल ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों के विस्तार के लिए प्रस्तावित है। लेकिन स्थानीय निवासियों का कहना है कि इससे मछुआरों की पारंपरिक आजीविका, खेती की जमीन और समुद्री पर्यावरण पर गंभीर असर पड़ेगा।
फिलहाल जिला प्रशासन और कंपनी के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता की संभावना जताई जा रही है, लेकिन स्थानिक नागरिकों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर परियोजना रद्द नहीं हुई, तो आंदोलन और तीव्र किया जाएगा।

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