मुंबई: पूरग्रस्तों के साथ खड़ी है सरकार – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस।"सभी सुविधाएं और रियायतें मिलेंगी, बैंकों को वसूली रोकने के निर्देश"
मुंबई: पूरग्रस्तों के साथ खड़ी है सरकार – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस।
"सभी सुविधाएं और रियायतें मिलेंगी, बैंकों को वसूली रोकने के निर्देश"
मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि राज्य सरकार पूरग्रस्त नागरिकों और किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों और नागरिकों को टंचाई (सूखा) की तर्ज पर सभी रियायतें और सुविधाएं देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि बैंकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे आपदा प्रभावित किसानों से कर्ज की वसूली न करें। उन्होंने कहा, "वर्तमान समय में किसान कठिनाई से गुजर रहे हैं। इसलिए बैंकों को स्पष्ट आदेश दिए गए हैं कि वे वसूली पर रोक लगाएं।"
उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ग्रस्त परिवारों को गेंहू, चावल, दालें और अन्य आवश्यक वस्तुओं का कीट (पैकेट) वितरित किया जा रहा है। साथ ही, कुएं धंसने, खेती की जमीन कटकर नष्ट होने जैसी क्षतियों पर भी राज्य सरकार स्वतंत्र रूप से मदद करेगी, भले ही वह केंद्र सरकार की सहायता के दायरे से बाहर क्यों न हो।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हुए नुकसान का पंचनामा दो से तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा और अगले सप्ताह केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। हालांकि केंद्र से सहायता मिलने की प्रतीक्षा किए बिना ही राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राहत कार्य और आर्थिक मदद शुरू कर दी है। इसके बाद केंद्र से प्राप्त राशि ‘रीइम्बर्समेंट’ (प्रतिपूर्ति) के रूप में आएगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी कहा कि राज्य में "ओला सूखा" (वेट ड्रॉट) घोषित करने की मांग उठ रही है, लेकिन आपदा प्रबंधन नियमावली में (डिझास्टर मॅन्युअल) ऐसी कोई परिभाषा शामिल नहीं है। इसके बावजूद मंत्रिमंडल ने यह निर्णय लिया है कि टंचाई निवारण काल में लागू की जाने वाली सभी रियायतें और योजनाएं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में भी लागू की जाएंगी।
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