पालघर: जिले के बोईसर में सांस्कृतिक विविधता के साथ सम्पन्न हुआ गणेशोत्सव विसर्जन, बजरंग दल ने किया स्वागत-सत्कार एवं जलपान।
पालघर: जिले के बोईसर में सांस्कृतिक विविधता के साथ सम्पन्न हुआ गणेशोत्सव विसर्जन, बजरंग दल ने किया स्वागत-सत्कार एवं जलपान।
अखिलेश चौबे
पालघर। जिले के बोईसर शहर में 11 दिन तक चले गणेशोत्सव का समापन सोमवार को धूमधाम और श्रद्धा के वातावरण में हुआ। गणपति विसर्जन यात्रा ने पूरे शहर को भक्तिरस, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक एकता की भावनाओं से सराबोर कर दिया।
विसर्जन शोभायात्रा में विभिन्न भाषाओं और जातियों की झलक प्रस्तुत हुई। जगह-जगह पारंपरिक परिधानों में सज-धज कर कलाकारों ने नृत्य प्रस्तुतियां दीं, जिससे उत्सव का रंग और गहरा गया। अलग-अलग पंडालों द्वारा सजाई गई भव्य झांकियों ने धार्मिक और सामाजिक संदेश दिए।
सुंदर और आकर्षक गणपति मूर्तियों ने भक्तों का मन मोह लिया। कहीं पारंपरिक झांकी थी तो कहीं आधुनिक थीम, लेकिन हर जगह आस्था और आनंद का संगम देखने को मिला।
इस वर्ष के आयोजन की एक खास बात रही—कुछ युवाओं ने विसर्जन यात्रा में नशामुक्ति के पोस्टर लेकर हिस्सा लिया। इन पोस्टरों पर संदेश लिखे थे— “दुर्व्यसन मुक्ती युवापीढ ही राष्ट्रीय संपत्ती, तुमचा दृढ़ निश्चय हाच दुर्व्यसन मुक्ती वर विजय, दारू गुटखा म्हणजे जिवतपणे मरण”।
इन नारों ने उपस्थित हजारों श्रद्धालुओं और युवाओं को एक सशक्त सामाजिक संदेश दिया कि गणेशोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि समाज सुधार और जनजागरण का भी अवसर है।
भारी भीड़ और लगातार हो रही बारिश के बावजूद पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने में शानदार कार्य किया। कई स्थानों पर पुलिसकर्मी बारिश में भीगते हुए भी ट्रैफिक और सुरक्षा प्रबंधन में तैनात रहे। उनकी इस निष्ठा और मेहनत को देखकर नागरिकों ने भी पुलिस बल की प्रशंसा की।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने विशेष रूप से सभी गणेश मंडलों के पंडाल अध्यक्षों का सम्मान किया। साथ ही हजारों गणेश भक्तों और पंडाल कार्यकर्ताओं के लिए जलपान की व्यवस्था की गई, जिसमें वड़ा पाव का स्वाद भक्तों को प्रसाद स्वरूप मिला।
आयोजन में पालघर जिले के पुलिस अधीक्षक यतीश देशमुख मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उनके साथ ही विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सामाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और भी गौरवपूर्ण बना दिया।
बोईसर शहर का यह 11 दिवसीय गणेशोत्सव केवल धार्मिक आस्था का पर्व नहीं रहा, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विविधता और सामाजिक सुधार का संदेश देने वाला आयोजन सिद्ध हुआ। विसर्जन यात्रा के दौरान वातावरण में गूंज रही आवाज़ें— “गणपति बप्पा मोरया, पुन्हा वर्षी लवकर या”
ने सभी के हृदय में अगले वर्ष फिर से बप्पा का स्वागत करने का उत्साह भर दिया।
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