पालघर: मनोर में आदिवासी परंपराओं की गूंज, विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष कार्यक्रम हुआ संपन्न।

पालघर: मनोर में आदिवासी परंपराओं की गूंज, विश्व आदिवासी दिवस पर विशेष कार्यक्रम हुआ संपन्न।

अखिलेश चौबे 
पालघर। जिले के मनोर क्रांतिसूर्य भगवान बिरसा मुंडा चौक पर विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन अद्भुत उत्साह और पारंपरिक माहौल में संपन्न हुआ। इस अवसर पर आदिवासी समाज के लोगों ने न केवल अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को भव्य बनाया, बल्कि अपनी अनूठी संस्कृति और विरासत को जीवंत रखने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संतोष जनाठे ने की।
आधुनिक संगीत और DJ की तेज धुनों से दूर रहकर इस वर्ष का आयोजन पूरी तरह से पारंपरिक अंदाज में किया गया। स्थानीय कलाकारों और युवाओं ने अपनी प्राचीन कला को जीवंत करते हुए तारपा और गौरी नृत्य प्रस्तुत किए। इन लोकनृत्यों ने न केवल माहौल में ऊर्जा भरी, बल्कि दर्शकों को उनकी जड़ों से भी जोड़ा।

कार्यक्रम में मंच से वक्ताओं ने विश्व मूलनिवासी दिवस के महत्व और भारतीय आदिवासी समाज की ऐतिहासिक व वर्तमान भूमिका पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि आदिवासी संस्कृति केवल नृत्य और गीत तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें जीवनशैली, पर्यावरण से जुड़ाव और सामाजिक एकजुटता का अद्भुत संदेश छिपा है।
इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में मनोर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक रणवीर बयेस, प्रमुख वक्ता धरतरी ग्रामोद्योग संकुल विक्रमगड के मधुकर माळकरी, सरपंच चेतन पाटिल, उपसरपंच वंदनाताई चंपानेरकर, पूर्व सरपंच अनंत पुंजारा, दामोदर भुयाळ, ग्राम पंचायत सदस्य, विभिन्न जनप्रतिनिधि, तथा आदिवासी एकता मित्र मंडल के महिला-पुरुष कार्यकर्ता और नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
आयोजन में उपस्थित सभी लोगों ने आदिवासी समाज की एकता बनाए रखने, युवा पीढ़ी को संस्कृति से जोड़ने और पर्यावरण संरक्षण के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन और लोकगीतों के साथ एकता का संदेश पूरे मनोर में गूंज उठा।


Comments

Popular posts from this blog

पालघर: बोईसर में 27 लाख की एटीएम लूट का खुलासा, पुलिस ने चोरी करने वाले गैंग को दबोचा..!

पालघर: जिले में युवक की बेरहमी से हत्या का खुलासा, छह आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग हिरासत में..!

ईयरफोन लगाकर रेलवे फाटक पार कर रही थी छात्रा, ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत..!