पालघर: जिले में शिवसेना का मानवीय चेहरा — जिला अध्यक्ष कुंदन संखे की अगुवाई में हज़ारों सड़क व्यवसायियों को दी गई छतरियां, मछली और सब्जी विक्रेताओं को मिला सहारा।
पालघर: जिले में शिवसेना का मानवीय चेहरा — जिला अध्यक्ष कुंदन संखे की अगुवाई में हज़ारों सड़क व्यवसायियों को दी गई छतरियां, मछली और सब्जी विक्रेताओं को मिला सहारा।
अखिलेश चौबे
पालघर। शिवसेना की ओर से पालघर जिले के हजारों सड़क व्यवसायियों के लिए छत्री वितरण अभियान शुरू किया गया है। यह पहल शिवसेना पालघर जिलाध्यक्ष कुंदन संखे के नेतृत्व में की गई, जिसका उद्देश्य खुले आसमान के नीचे मेहनत करने वाले छोटे व्यापारियों को राहत पहुंचाना है। बोईसर, पालघर और अन्य क्षेत्रों में काम कर रहे भाजीपाला (सब्जी), फळ (फल) तथा मत्स्य (मछली) विक्रेताओं सहित करीब 5,000 व्यवसायियों को इस अभियान के तहत छतरियां वितरित की जाएंगी।
इस कार्यक्रम का पहला चरण बोईसर में आयोजित किया गया, जहां विशेष रूप से मछली बेचने वाली महिलाओं को छतरियां दी गईं। बारिश और धूप से उन्हें होने वाली असुविधा को देखते हुए शिवसेना ने यह कदम उठाया। कुंदन संखे ने कहा कि, "जो लोग सड़क पर मेहनत कर अपने परिवार का पेट पालते हैं, उन्हें यह छत्रियां एक सहारा देने का प्रतीक हैं। यह शिवसेना का सामाजिक कर्तव्य है।"
इस अवसर पर पालघर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र गावित, शिवसेना की जिल्हा संघटिका वैदेही वाढाण, उपतालुका संघटिका नमिता पिंपळे, मनोज पिंपळे , शिवसेना उपनेता ज्योती मेहेर, सहसंपर्क प्रमुख केदार काळे, शहरप्रमुख राहुल घरत, पूर्व नगरसेवक बंड्या मात्रे, अमोल पाटील, चंद्रशेखर वडे, अक्षय संखे, महिला आघाड़ी की बिंदिया दीक्षित, भारती सावे, लीना पाटील समेत कई स्थानीय नेताओं ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
शिवसेना के इस सतत अभियान का उद्देश्य है कि जिन मेहनतकश व्यापारियों के पास दुकानें नहीं हैं, जो धूप-बारिश में सड़क के किनारे फल, सब्जी और मछली बेचते हैं, उन्हें कम से कम एक बुनियादी सुविधा — छाया — उपलब्ध कराई जा सके। यह केवल छत्री का वितरण नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की नींव में लगे मजदूरों को सम्मान देने की दिशा में एक ठोस प्रयास है।
कुंदन संखे की यह पहल अब जिले के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में विस्तार पा रही है। वर्षों से वह इसी तरह अपने संसदीय क्षेत्र में विभिन्न स्तरों पर सामाजिक सहायता करते आ रहे हैं, और इस वर्ष भी उन्होंने अपना यह मानवीय अभियान उसी लगन और प्रतिबद्धता के साथ जारी रखा है।
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