पालघर: विद्यार्थियों के भविष्य की नींव मजबूत करने हेतु दप्तर वितरण कार्यक्रम सम्पन्न..!

पालघर: विद्यार्थियों के भविष्य की नींव मजबूत करने हेतु दप्तर वितरण कार्यक्रम सम्पन्न..! 

अखिलेश चौबे 
पालघर..! “शिक्षा ही आधुनिक युग की असली चाबी है” — इसी मूलमंत्र को आधार मानते हुए कोकिळाताई बहुउद्देशीय सेवाभावी संस्था, धुळे तथा आदिवासी एकता मित्र मंडळ के संयुक्त तत्वावधान में जिले के मनोर क्षेत्र के पांच आदिवासी बहुल जिल्हा परिषद स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए दप्तर (स्कूल बैग) वितरण कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
इस जनोपयोगी सामाजिक उपक्रम का आयोजन पालघर जिले के विभिन्न विद्यालयों में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। 
इस उपक्रम के अंतर्गत जिन विद्यालयों में गतिविधियाँ आयोजित की गईं, उनमें जिल्हा परिषद शाळा – रईस पाडा, जिल्हा परिषद शाळा – पाटील पाडा, जिल्हा परिषद शाळा – भोईर पाडा, जिल्हा परिषद शाळा – घरत पाडा तथा जिल्हा परिषद केंद्रीय मराठी शाळा – मनोर प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता के साथ कार्यक्रमों का उत्साहपूर्ण वातावरण देखने को मिला।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संतोष जनाठे ने की, जिनकी मार्गदर्शक उपस्थिति ने आयोजन को गरिमा प्रदान की। कार्यक्रम के पूर्व नियोजन और समन्वय में दामोदर कासट, कुणाल बरफ, जयेश डगला, महेश भुतकडे, अंकुश कुंभारे और अमजत खान की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही।
दप्तर वितरण कार्यक्रम में स्थानीय बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह देखने लायक था। विद्यार्थियों के चेहरों पर मुस्कान और उनके अभिभावकों की आंखों में कृतज्ञता झलक रही थी। संस्था की इस पहल ने शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों को संबल प्रदान करने का कार्य किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति और सामाजिक कार्यकर्तागण विशेष रूप से उपस्थित थे। जिनमें मंगेश गोंड, सुनील किरकिरा, सुरेखा कासट, सुधीर गिराणे, संचिता जनाठे, पूनम धावरे, संतोष खांडेकर, देवेश धापशी, बाळकृष्ण धावरे, वनिता जनाठे, सुनीता गोवारी, सुरेश पराड, किरण गुजर, कविता नडगे, सरिता गुजर तथा मथुरा महाले आदि का समावेश रहा।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा आधार बताया और कहा कि आज की पढ़ाई ही कल के समाज का निर्माण करेगी। आदिवासी क्षेत्रों में इस प्रकार की पहलें बच्चों में आत्मविश्वास, प्रतिस्पर्धा और बेहतर भविष्य के बीज बोती हैं।
कोकिळाताई बहुउद्देशीय सेवाभावी संस्था की यह पहल न केवल दान का कार्य थी, बल्कि यह एक सामाजिक संकल्प था — शिक्षा को सबके लिए सुलभ बनाना। इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि अगर समाज मिलकर ठान ले तो बदलाव संभव है।

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