पालघर: बोईसर ग्रामीण अस्पताल को टीमा अस्पताल की पूर्वभूमि पर ही बनाए रखने की स्थानीय नेताओं की मांग..!"जिल्हाधिकारी ने टीमा अस्पताल मामले की विस्तृत जांच के लिए समिति गठित करने का किया आश्वासन"
पालघर: बोईसर ग्रामीण अस्पताल को टीमा अस्पताल की पूर्वभूमि पर ही बनाए रखने की स्थानीय नेताओं की मांग..!
"जिल्हाधिकारी ने टीमा अस्पताल मामले की विस्तृत जांच के लिए समिति गठित करने का किया आश्वासन"
अखिलेश चौबे
पालघर..! जिले के बोईसर स्थित पूर्व टीमा हॉस्पिटल की जगह पर वर्तमान में संचालित ग्रामीण रुग्णालय को वहीं पर बनाए रखने की मांग को लेकर बोईसर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने जिल्हाधिकारी डॉ. इंदूराणी जाखड़ से भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने यह मांग रखी कि जब तक बोईसर में नए ग्रामीण अस्पताल की वैकल्पिक व्यवस्था पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाती, तब तक वर्तमान ग्रामीण अस्पताल को उसी जगह पर जारी रखा जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि मानसून की वर्तमान स्थिति और शहरी क्षेत्रों में कोविड संक्रमण के संभावित खतरे को देखते हुए इस अस्पताल का चालू रहना अत्यंत आवश्यक है। ग्रामीण व औद्योगिक क्षेत्र के लोगों को इस अस्पताल से त्वरित और सुलभ उपचार मिल रहा है, विशेषकर सर्पदंश व विंचू (बिच्छू) के मामलों में। अगर अस्पताल को कुरगांव, तारापूर या अन्य स्थानों पर स्थानांतरित किया जाता है, तो नागरिकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
टीमा हॉस्पिटल के ट्रस्ट द्वारा कई बार यह मांग की गई है कि कोविड काल में जिला शल्य चिकित्सक को अस्थायी रूप से दी गई उनकी अस्पताल की इमारत उन्हें वापस लौटाई जाए। इसके अतिरिक्त, ट्रस्ट ने पिछले ढाई वर्षों से उस परिसर में ग्रामीण अस्पताल संचालित किए जाने के एवज में प्रति माह ₹10 लाख का किराया दिए जाने की मांग भी जिल्हाधिकारी के समक्ष रखी थी।
इस चर्चा के दौरान शिवसेना उपनेता जगदीश धोडी, भाजपा नेता संजय पाटील, मनसे जिला अध्यक्ष समीर मोरे, मनसे बोईसर विधानसभा अध्यक्ष भावेश चुरी, बोईसर भाजपा मंडल अध्यक्ष महेंद्र भोणे, सचिन लोखंडे, अविश राऊत, परशुराम चावरे, तन्मय संखे समेत कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। वहीं, जिल्हाधिकारी के साथ निवासी उपजिल्हाधिकारी सुभाष भागडे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. रामदास मराड, जिल्हा भूमि अभिलेख प्रमुख नरेंद्र पाटील, एमआईडीसी के उप अभियंता अविनाश संखे और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
बोईसर के संजय नगर क्षेत्र में दीड एकड़ जमीन पर एक नया सरकारी अस्पताल प्रस्तावित है, जिसके लिए निधि भी मंजूर की जा चुकी है। फिलहाल यह प्रकल्प निविदा प्रक्रिया में है और जिला शल्य चिकित्सक के अनुसार इसकी इमारत अगले डेढ़ वर्ष में खड़ी हो सकती है।
जिल्हाधिकारी ने यह भी कहा कि टीमा अस्पताल को एमआईडीसी द्वारा नाममात्र दर पर दी गई जमीन का यदि वाणिज्यिक उपयोग किया गया पाया गया, तो जमीन वापसी की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में एमआईडीसी के अधिकारियों को संबंधित अनुबंध की शर्तों का गहन अध्ययन करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
◾समिति गठित कर मामले की जांच की जाएगी
जिल्हाधिकारी डॉ. इंदूराणी जाखड़ ने बताया कि इस मुद्दे की गहराई से जांच के लिए आरोग्य विभाग, एमआईडीसी, महसूल विभाग तथा अन्य संबंधित अधिकारियों की एक समिति गठित की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे स्वयं वर्तमान ग्रामीण अस्पताल और प्रस्तावित नए स्थान का दौरा करेंगी।
जिला शल्य चिकित्सक डॉ. रामदास मराड ने जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण की आशंका को देखते हुए पालघर जिले के 12 ग्रामीण अस्पतालों व उप-जिला अस्पतालों में आइसोलेशन कक्ष स्थापित करने के आदेश दिए गए हैं। कोरोना के लक्षण पाए जाने पर नमूनों की जांच डहाणू अथवा मुंबई स्थित परीक्षण केंद्रों में की जाएगी। वर्तमान में जिले में कोई सक्रिय कोरोना मरीज नहीं है, फिर भी सभी वैद्यकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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