पालघर: बोईसर महोत्सव-2025 : दो दिवसीय आयोजन का भव्य समापन, सांस्कृतिक विविधता और मनोरंजन का मिला संगम..!
पालघर: बोईसर महोत्सव-2025 : दो दिवसीय आयोजन का भव्य समापन, सांस्कृतिक विविधता और मनोरंजन का मिला संगम..!
अखिलेश चौबे
पालघर..! जिले के औद्योगिक शहर बोईसर में स्थित पश्चिमी सर्कस ग्राउंड पर दो दिवसीय 'बोईसर महोत्सव - 2025' का आयोजन भव्यता के साथ संपन्न हुआ।
शनिवार, 19 अप्रैल की शाम महोत्सव का शुभारंभ पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटील एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ।
इस महोत्सव की विशेषता यह रही कि इसे 'मिनी भारत' की संज्ञा प्राप्त बोईसर की विविध सांस्कृतिक, सामाजिक एवं खानपान परंपराओं को एक ही छत के नीचे प्रदर्शित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। विभिन्न प्रदेशों से आकर यहां बसे लोगों ने अपनी-अपनी सांस्कृतिक झलकियों से महोत्सव को और भी रंगीन बना दिया।
रविवार, 20 अप्रैल को महोत्सव के दूसरे एवं अंतिम दिन का समापन समारोह अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर भोजपुरी के लोकप्रिय गायक एवं महुआ चैनल के रियलिटी शो 'सुर संग्राम' के विजेता मोहन राठौर, मुंबई की लोकगायिका अंकिता दुबे तथा उनके सहयोगी कलाकारों ने सांस्कृतिक संध्या में शानदार प्रस्तुतियां दीं। इन कलाकारों की सजीव प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झूमने पर विवश कर दिया और माहौल को संगीतमय बना दिया।
महोत्सव में उपस्थित स्थानीय नागरिकों एवं परिवारों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, फूड स्टॉल्स, पारंपरिक हस्तकला प्रदर्शनी और बच्चों के लिए खेल गतिविधियों का आयोजन भी किया गया। इसके अतिरिक्त आयोजकों की ओर से लकी कूपन के माध्यम से महिलाओं को आकर्षक उपहार प्रदान किए गए, जिससे उत्सव में महिलाओं की भागीदारी और भी बढ़ गई।
प्रशांत आ. संखे, जो कि सामाजिक कार्यकर्ता और भारतीय जनता पार्टी के पालघर जिला उपाध्यक्ष, ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका उद्देश्य स्थानीय लोगों को एकता, सांस्कृतिक समरसता और मनोरंजन का एक साझा मंच उपलब्ध कराना था, जिसमें वे पूर्णतः सफल रहे।
'बोईसर महोत्सव - 2025' न केवल एक मनोरंजनमूलक कार्यक्रम रहा, बल्कि इसने बोईसर की बहुरंगी सांस्कृतिक पहचान को भी मजबूती से सामने रखा। स्थानीय नागरिकों के बीच इस आयोजन को लेकर भारी उत्साह और सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आने वाले वर्षों में यह महोत्सव बोईसर की सांस्कृतिक पहचान का स्थायी हिस्सा बन सकता है।
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