पालघर: CBI अधिकारी बनकर 71 वर्षीय वृद्ध से 3.56 करोड़ की ठगी – पालघर जिले के बोईसर में बड़ा साइबर फ्रॉड

पालघर: CBI अधिकारी बनकर 71 वर्षीय वृद्ध से 3.56 करोड़ की ठगी – पालघर जिले के बोईसर में बड़ा साइबर फ्रॉड

अखिलेश चौबे 
पालघर..! जिले के बोईसर में एक चौंकाने वाला साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसमें जालसाजों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर 71 वर्षीय वृद्ध अनिल कुमार आरेकर से 3.56 करोड़ रुपये की ठगी की है। ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का डर दिखाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और उनकी जीवन भर की कमाई हड़प ली।

कैसे हुई यह धोखाधड़ी?
अनिल कुमार आरेकर को तीन अलग-अलग मोबाइल नंबरों से एक व्यक्ति ने व्हाट्सएप कॉल किया। उसने अपना नाम प्रदीप सावंत बताया और खुद को मुंबई के अंधेरी पुलिस थाने का अधिकारी बताया। उस व्यक्ति ने कहा कि आरेकर का मोबाइल नंबर साइबर अपराध, अवैध विज्ञापनों और परेशान करने वाले कॉल्स से जुड़ा हुआ पाया गया है।
इसके बाद, ठगों ने धमकी दी कि उनका मामला CBI को सौंप दिया गया है और 10 मिनट के भीतर पुलिस उनके घर पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं, जालसाजों ने यह भी कहा कि अगर आरेकर ने इस मामले की जानकारी किसी को दी, तो उन्हें 5 साल की अतिरिक्त सजा हो सकती है। इस तरह, अपराधियों ने पीड़ित को भयभीत कर दिया और उन्हें अपने जाल में फंसा लिया।

CBI पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनकर ठगी
इसके बाद, एक अन्य व्यक्ति ने आरेकर से संपर्क किया और खुद को CBI का पब्लिक प्रॉसिक्यूटर प्रमोद शंकर भोसले बताया। उसने दावा किया कि यह मामला "गुप्त मिशन" से जुड़ा हुआ है और उन्हें किसी को भी इस बारे में जानकारी नहीं देनी चाहिए।
बदमाशों ने आरेकर को यह विश्वास दिलाया कि अगर वे अदालत के आदेश का पालन नहीं करेंगे, तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी और उन पर गंभीर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस डर से पीड़ित ने टुकड़ों-टुकड़ों में 3.56 करोड़ रुपये जालसाजों के बताए अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस में शिकायत दर्ज, जांच जारी
ठगी का एहसास होने के बाद अनिल कुमार आरेकर ने बोईसर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और इस ठगी में शामिल गिरोह की तलाश के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
पालघर जिले के DYSP विकास नाइक ने कहा कि यह संगठित साइबर ठगी गिरोह का काम हो सकता है। उन्होंने नागरिकों से सतर्क रहने और इस तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत पुलिस को सूचना देने की अपील की है।

साइबर ठगी से बचने के लिए क्या करें?
1. किसी भी अज्ञात कॉलर द्वारा दी गई धमकी से डरें नहीं।
2. किसी भी सरकारी अधिकारी का दावा करने वाले व्यक्ति से उसकी पहचान की पुष्टि करें।
3. किसी भी संदिग्ध ट्रांजैक्शन से पहले पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें।
4. अगर कोई "गुप्त मिशन" या "डिजिटल अरेस्ट" की धमकी दे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।

पुलिस का कहना है कि साइबर ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।


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