पालघर: शिवसेना में बड़े पैमाने पर जनप्रतिनिधियों का प्रवेश..!
पालघर: शिवसेना में बड़े पैमाने पर जनप्रतिनिधियों का प्रवेश..!
अखिलेश चौबे
पालघर..! जिले में शिवसेना (शिंदे गुट) की ताकत लगातार बढ़ती जा रही है। बीते कुछ महीनों से विभिन्न राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शिवसेना में शामिल हो रहे हैं, जिससे जिले की सियासत में उथल-पुथल मच गई है। इसी कड़ी में, हाल ही में एक भव्य कार्यक्रम में उध्दव ठाकरे गुट (उबाठा), राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट), बहुजन विकास आघाड़ी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कई प्रभावशाली जनप्रतिनिधियों ने शिवसेना का दामन थाम लिया।
◾प्रमुख जनप्रतिनिधियों का शिवसेना में प्रवेश
शिवसेना में शामिल होने वालों में उध्दव ठाकरे गुट के पूर्व पंचायत समिति सदस्य सुभाष चौरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस (शरद पवार गुट) के पूर्व पंचायत समिति सदस्य शैलेश हाडळ, ओसरविरा ग्राम पंचायत के सरपंच नरेश कोरडा, धानीवरी ग्राम पंचायत के सरपंच शैलेश कोरडा, गंजाड ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच अभिजीत देसक, प्रभारी सरपंच कौशल कामडी, निकणे ग्राम पंचायत के उपसरपंच सुदाम मेरे सहित कई ग्राम पंचायतों के उपसरपंच और सदस्य शामिल हैं।
◾शिवसेना की संगठनात्मक ताकत में बढ़ोतरी
पालघर जिले के संपर्क कार्यालय में आयोजित इस भव्य प्रवेश समारोह में शिवसेना जिलाप्रमुख कुंदन संखे और पालघर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेंद्र गावित की प्रमुख उपस्थिति रही। इनके अलावा, पूर्व विधायक मनीषा निमकर, शिवसेना प्रवक्ता केदार काळे, शिवसेना जिला संघटिका वैदेही वाढाण और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
इस बड़े पैमाने पर हुए दल-बदल से साफ हो गया है कि शिवसेना आगामी जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों की दृष्टि से पूरी तरह से सक्रिय हो गई है। पार्टी लगातार अपनी जमीनी पकड़ मजबूत कर रही है, जिससे उसकी संगठनात्मक ताकत में भारी इजाफा देखने को मिल रहा है।
◾पालघर की राजनीति में हलचल
जिले में लगातार हो रहे इस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम से स्पष्ट है कि शिवसेना ने अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाई है। दूसरी ओर, विपक्षी दलों में मची हलचल से यह भी जाहिर हो रहा है कि शिवसेना के इस अभियान से उन्हें कड़ी चुनौती मिल सकती है।
शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं ने इस मौके पर कहा कि पार्टी का जनाधार लगातार बढ़ रहा है और जिले में आगामी चुनावों में इसका असर साफ तौर पर देखने को मिलेगा। इस तरह, पालघर की राजनीति में शिवसेना के बढ़ते वर्चस्व ने अन्य राजनीतिक दलों की चिंता बढ़ा दी है।
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