चीन में फैल रहे HMPV वायरस ने बेंगलुरु और गुजरात में दि दस्तक..!

चीन में फैल रहे HMPV वायरस ने बेंगलुरु और गुजरात में दि दस्तक..!


केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत सहित दुनियाभर में एचएमपीवी के केस पहले से ही सामने आ रहे हैं. लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है।

अखिलेश चौबे 
नई दिल्ली..! दुनियाभर को दहला चुकी कोविड-19 महामारी के बाद HMPV नाम के वायरस ने चीन में दस्तक फैला दी है. इस वायरस के बेंगलुरु में दो मामले सामने आए हैं. दोनों केस कर्नाटक में मिला है और अहमदाबाद के चांदखेड़ा में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है।
आठ महीने का बच्चा और तीन महीने की बच्ची में एचएमपीवी डिटेक्ट किया गया. ये दोनों बच्चे बेंगलुरु के बैपटिस्ट हॉस्पिटल में भर्ती हैं. इनकी कोई भी इंटरनेशनल ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है. तीन साल का बच्चा हालांकि, अस्पताल से डिस्चार्ज हो गया है जब कि आठ महीने की बच्ची में रविवार को वायरस मिला और अहमदाबाद के चांदखेडा इलाके में 2 महीने के बच्चे में इस वायरस का संक्रमण होने की वजह से नवजात को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया है यह परिवार राजस्थान के डूंगरपुर सब बच्चे का इलाज करने के लिए अहमदाबाद पहुंचा था। बच्चों की स्थिति अभी स्टेबल है 
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारत सहित दुनियाभर में एचएमपीवी के केस पहले से ही सामने आ रहे हैं. लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है।
बता दें कि HMPV आमतौर पर बच्चों में ही डिटेक्ट होता है. सभी फ्लू सैंपल में से 0.7 फीसदी HMPV के होते हैं. इस वायरस का स्ट्रेन क्या है, अभी पता नहीं चल पाया है।
 
क्या है इस वायरस के लक्षण? :- 
इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस या एचएमपीवी (HMPV) वायरस कहते हैं, जिसके लक्षण काफी हद तक सामान्य सर्दी-जुकाम के समान होते हैं. सामान्य मामलों में यह खांसी या गले में घरघराहट, नाक बहने या गले में खराश का कारण बनता है. छोटे बच्चों और बुजुर्गों में HMPV का संक्रमण गंभीर हो सकता है. कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में यह वायरस गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।
कहा जा रहा है. इस वायरस से संक्रमित मरीजों में सांस लेने में दिक्कत और फ्लू जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. अब दिल्ली के मेडिकल ऑफिसर्स ने वायरस से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए एडवाजरी जारी की है।
एक बयान के मुताबिक, हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर जनरल डॉ. वंदना बग्गा ने रविवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ मीटिंग की, जिसमें दिल्ली में सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने की तैयारियों पर चर्चा की गई. सिफारिशों के तहत अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि वे इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों की जानकारी तुरंत IHIP पोर्टल के जरिए दें।
संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन प्रोटोकॉल और सावधानी बरतने को कहा गया है. अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए SARI मामलों और लैब की ओर से पुष्ट किए गए इन्फ्लूएंजा मामलों का उचित डॉक्यूमेंटेशन बनाए रखना जरूरी है. उन्हें ऑक्सीजन के साथ-साथ हल्के लक्षण वाले मामलों के इलाज के लिए पैरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप की उपलब्धता बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है. इसे सबसे पहले 2001 में डिटेक्ट किया गया है. एक एक्सपर्ट का कहना है कि कुछ सेरोलॉजिक साक्ष्यों से पता चला है कि यह वायरस 1958 से है।

दिल्ली में अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया :- 
दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक एडवाजरी जारी करके अस्पतालों को आईएचआईपी पोर्टल (Integrated Health Information Platform) के माध्यम से इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (Influenza Like Illness) और सांस संबंधित गंभीर संक्रमण के मामलों (Severe Acute Respiratory Illness) को तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया है. सांस संबंधी समस्याओं से ग्रसित मरीजों के लिए आइसोलेशन अनिवार्य कर दिया गया है. सटीक निगरानी सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों को सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इलनेस और इन्फ्लूएंजा से संबंधित मामलों का डॉक्यूमेंटेशन करना होगा. अस्पतालों को ऑक्सीजन के साथ-साथ पेरासिटामोल, एंटीहिस्टामाइन, ब्रोन्कोडायलेटर्स और कफ सिरप की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. 

घबराने जैसी कोई बात नहीं: हेल्थ मिनिस्ट्री :- 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च देश भर में सांस संबंधी बीमारियों की मॉनिटरिंग कर रहा है. गुजरात और कर्नाटक में सामने आए एचएमपीवी के मामलों के बारे मेंकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- आईसीएमआर (ICMR) और इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) मॉनिटरिंग नटवर्क के वर्तमान आंकड़ों से पता चलता है कि देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (Influenza-Like Illness) या सांस संबंधी गंभीर या तीव्र बीमारी (Severe Acute Respiratory Illness) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है. बेंगलुरु में दो एचएमपीवी मामलों की पहचान आईसीएमआर की मॉनिटरिंग के माध्यम से ही हुई है. 

एचएमपीवी संक्रमण की रोकथाम कैसे करें? :- 
एचएमपीवी के संक्रमण से बचने के लिए, स्वास्थ्य अधिकारी बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोने का सुझाव देते हैं. बिना धोए हाथों से आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें और जिन लोगों में सर्दी-जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, बुखार जैसे लक्षण हों उनके क्लोज कॉन्टैक्ट में आने से बचें. जिन लोगों में सर्दी जैसे लक्षण हैं उन्हें मास्क पहनना चाहिए. छींकते या खांसते समय अपने मुंह और नाक को ढकें और हैंडवॉश करें या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें.

भारत एचएमपीवी से निपटने के लिए तैयार है? :- 
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) का कोई मामला नहीं होने की पुष्टि की है. एनसीडीसी के निदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि एचएमपीवी सामान्य सर्दी के वायरस जैसा दिखता है, जिससे बच्चों और बुजुर्गों में फ्लू जैसे लक्षण होते हैं. उन्होंने लोगों से स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन करने का आग्रह किया, जैसे किसी में सर्दी-खांसी और बुखार जैसे लक्षण हैं तो उसके संपर्क में आने से बचना. उन्होंने आश्वासन दिया कि घबराने की बात नहीं है और नियमित सर्दी या बुखार की दवाएं पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं.




Comments

Popular posts from this blog

पालघर: बोईसर में 27 लाख की एटीएम लूट का खुलासा, पुलिस ने चोरी करने वाले गैंग को दबोचा..!

पालघर: जिले में युवक की बेरहमी से हत्या का खुलासा, छह आरोपी गिरफ्तार, एक नाबालिग हिरासत में..!

ईयरफोन लगाकर रेलवे फाटक पार कर रही थी छात्रा, ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत..!