देवेंद्र फडणवीस की जीवन गाथा, कभी किंग तो कभी किंग मेकर बने फडणवीस..!
देवेंद्र फडणवीस की जीवन गाथा, कभी किंग तो कभी किंग मेकर बने फडणवीस..!
अखिलेश चौबे
अखिलेश चौबे
महाराष्ट्र..! देवेंद्र फडणवीस ने अपने एक इंटरव्यू में कहा किंग मेकर भी मैं हूं सरकार भी मैं हूं चलाऊं
22 जुलाई 1970 को देवेंद्र फडणवीस का जन्म नागपुर के मराठी परिवार में हुआ। इनके पिता गंगाधर राव आरएसएस के प्रचारक और जनसंघ के एमएलसी थे।
:- देवेंद्र फडणवीस ने इंडिया टुडे को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया था कि 1975 में जब इमरजेंसी लगी तो उनके पिता को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, इस घटना ने उनके मन में इंदिरा गांधी के प्रति नफरत भरी दी 6 साल की उम्र में उन्होंने उसे स्कूल को छोड़ दिया जिसका नाम इंदिरा गांधी के नाम पर था। इसके बाद घर वालों ने इनका दाखिला सरस्वती शिशु मंदिर में कर दिया।
सन 1987 में जब देवेंद्र फडणवीस 17 साल के थे तो उनके पिता ने दुनिया को अलविदा कह दिया, जिससे फडणवीस ने राजनीति का ककहरा सीखा था। 1989 में 19 साल की उम्र में ये कॉलेज की पढ़ाई के दौरान आरएसएस की स्टूडेंट विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए, साथ ही फडणवीस ने लाॅ की डिग्री हासिल करने के बाद बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की लेकिन कैरियर राजनीति में बनाया।
:- फडणवीस ने कहां विद्यार्थी परिषद में जो हमारे नेता हुआ करते थे उन्होंने कहा कि अब फैसला हुआ है कि आपको कल से बीजेपी में काम करना है मैंने कहा कि मुझे पॉलिटिक्स में जाना नहीं है।
1992 में 22 साल की उम्र में यह नागपुर नगर पालिका से कॉरपोरेटर चुने गए। इसके 5 साल बाद 27 साल की उम्र में नागपुर नगर निगम के रामनगर वार्ड से नगर पालिका चुनाव जीतकर सबसे युवा मेयर बने इसके 2 साल बाद ही 1999 में नागपुर वेस्ट सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे।
राजनीति से इतर फडणवीस ने नागपुर में कपड़ों के ब्रांड के लिए मॉडल के रूप में भी काम किया, दूसरी बार विधायक रहते 35 साल की उम्र में फडणवीस ने अमृता से शादी की जो पेसे से बैंकर थी, फडणवीस मुख्यमंत्री बनने के बाद भी अमृत को एक्सिस बैंक में काम करना जारी रखा।
:- फडणवीस ने कहा पॉलिटिक्स मैं जितना समय घर को देना चाहिए मैं नहीं देता हूं मेरी वाइफ को भी नहीं देता हूं मेरी बेटी को भी नहीं देता हूं।
44 साल की उम्र में फडणवीस महाराष्ट्र के दूसरे सबसे युवा मुख्यमंत्री बने मुख्यमंत्री बनने से पहले उनका प्रशासनिक अनुभव मेयर के पत्ता की सीमित था, इससे पहले वह कभी मंत्री के पद पर भी नहीं रहे
:- फडणवीस ने कहा पार्टी में अलग-अलग पदों पर काम किया मैंने मैं युवा मोर्चा में नेशनल वाइस प्रेसिडेंट रहा फिर महाराष्ट्र में पार्टी का जनरल सेक्रेटरी रहा फिर महाराष्ट्र बीजेपी का प्रेसिडेंट मुझे बनाया गया।
मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस पार्टी के अंदर और बाहर कई तरह के विरोध का सामना किया लेकिन इन्होंने राजनीतिक चतुराई और प्रशासनिक कौशल दिखाया और बीजेपी के पहले नेता बने जिसने 5 साल का कार्यकाल पूरा किया। मुख्यमंत्री के तौर पर फडणवीस ने खुद को सत्ता के मोह से अछूते नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की, फडणवीस साधारण कपड़े पहना टिकट खरीदने के लिए लाइन में लगता और मुंबई से नागपुर तक इकोनामिक क्लास में यात्रा करते।
2019 में उनके ट्रैक रिकॉर्ड और पंतप्रधान मोदी के लोकप्रियता ने भाजपा को राज्य में सिंगल लार्जेस्ट पार्टी के रूप में उभरने में मदद की, 2019 में फडणवीस दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला लेकिन अजीत पवार के मुकरने के बाद वो बहुमत साबित नहीं कर पाए और इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महा विकास गाड़ी की सरकार बनी।
:- फडणवीस ने एक बार संसद में कहा मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बस लेना मैं समंदर हूं लौट कर वापस आऊंगा।
लेकिन 3 साल बाद एक बार फिर वही कहानी दोहराई गई जब फडणवीस ने शिवसेना के बागी विधायकों के साथ हाथ मिला लिया जिससे ठाकरे को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया।
:- फडणवीस ने कहा कि जब कोई मेरे साथ गलत व्यवहार करता है, कोई मुझे धोखा देता है तो मैं याद रखता हूं अपना समय आने की राह देखता हूं।
हर किसी को लगा कि वह एक बार फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन सब की उम्मीदों को उसे समय धक्का लगा जब फडणवीस ने मुख्यमंत्री के पद के लिए एकनाथ शिंदे का नाम आगे किया और खुद उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
:- फडणवीस ने कहा मुझे थोड़ा खट्टा लगा था मुझे ऐसा लगा कि लोग क्या कहेंगे कि जो व्यक्ति मुख्यमंत्री पद पर रहा वह सत्ता के लिए कितना लालची है कि डिप्टी चीफ मिनिस्टर बन रहा है।
लेकिन बाद में फडणवीस ने कहा कि मुझे बाद में लगा कि उनकी पार्टी का फैसला सही था जो ट्रांसफॉर्मेशन सरकार में रहकर कर सकते हो वह सरकार से बाहर रहकर नहीं कर सकते।
2024 के विधानसभा चुनाव के दौरान फडणवीस ने अपनी छवि के विपरीत आक्रामक अंदाज अपनाते दिखे।
यह कहानी है देवेंद्र फडणवीस की जो कभी किंग तो कभी किंग मेकर बने
Comments
Post a Comment